क्या भारत में रेलवे यात्रियों को अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षा मुहैया हो पायेगी । इसकी दिलासा तो सभी जिम्मेदार लोग दिलाते है कि अब ऐसा नहीं हो पायेगा,पर लगभग महीने में एक न एक हादसा हो ही जाता है। जो रेलवे व्यवस्था की पोल खोलते नजर आते हैं । आजकल रेलवे में यात्रा करना बहुत ही भयावह लगता है,ड़र लगा रहता है कि हम गंतव्य तक सुरक्षित पहुँच भी पायेंगे या नहीं,पता नहीं किसकी लापरवाही के चलते एक भयानक हादस हो जाये ।
अभी कुछ दिन पहले ही यूपी में भयंकर रेल हादसा हुआ था जिसमें कई यात्रियों की मौत हो गयी थी ।मंगलवार को फिर से चेन्नई में रेल हादसा हुआ जिसमें 30 से ज्यादा लोग मौत के गाल में समा गये और 90 से ज्यादा घायल हो गये ।
आखिर कब तक रेलवे यात्रियों के खून से रेलवे का इतिहास लिखा जाता रहेगा,कब ऐसी कोई व्रयवस्था आयेगी जब हर रेल यात्री और उसका परिवार यात्रा करने से पहले कम से कम यह तो सोंच सके कि वह या यात्रा कर रहा उसका परिवार सुरक्षित है और सकुशल अपनी मंजिल तक पहुँच सकेगा....।
हरिओम जी केवल सोचने से कुछ नहीं होता उसके लिए इक कारगर क़दम उठाना पड़ता है.और देश की हालत आपसे छिपी नहीं है...यहां पर लोग सिर्फ सोचते हैं करते कुछ नहीं..
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