Corona Virus प्रतिदिन 200-250 देशवासियों की जान ले रहा है। आशंका है कि जुलाई के अंत तक हर रोज होने वाली मौतों का आंकड़ा 3000 से 4000 तक पहुंच सकता है। महामारी की चपेट में आकर आम आदमी से लेकर नेता और डॉक्टर तक मौत के मुंह में समा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में सीएमएस डॉ. संत प्रकाश गौतम की मौत हमें और सजग करती है। वह कोरोना वारियर्स थे और शिद्दत से वायरस को हराने में जुटे थे, खुद को नहीं बचा सके। हर दिन ऐसे तमाम केस सामने आ रहे हैं, जिन्हें कोरोना महामारी ने निगल लिया। यह संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में ट्रीटमेंट की क्या स्थिति है किसी से छिपा नहीं है।
मेरा मकसद आपको डराना नहीं, बल्कि सावधान करना है। वैक्सीन की खोज तक हमें खुद अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा करनी होगी। सावधानी पूर्वक हमें कोरोना के साथ ही जीने की आदत डालनी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि प्राथमिक स्तर वाले कोरोना संक्रमितों में सिर्फ पांच फीसदी ही ऐसे हैं जिन्हें ट्रीटमेंट की जरूरत होती है, शेष अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के जरिए वायरस को हराने में सफल रहते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप सतर्क रहें और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करें।
क्या करें
- बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें
- सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करें
- मास्क और सेनेटाइजेशन को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं
- सेहत का ध्यान रखें, नियमित योग और व्यायाम करें
- बाहर के खाने से परहेज करें और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते रहें
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