टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जडऩे वाले पहले भारतीय कप्तान बने विराट कोहली
एडिलेड। धोनी की अनुपस्थिति में टीम इंडिया की कमान संभाल रहे विराट कोहली ने एडिलेड टेस्ट की दूसरी पारी में भी सेंचुरी जड़ दी। एक टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले वे इंडिया के इकलौते कप्तान हैं। वैसे तो सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट कप्तान रहे हैं, लेकिन विराट ने धमाकेदार डेब्यू से इन सभी को पीछे कर दिया है। गांगुली ने बतौर कप्तान डेब्यू पर 84 रन की पारी खेली थी, वहीं धोनी पचासा तक नहीं लगा सके थे।
विराट ने एडिलेड में कप्तान की जिम्मेदारी निभाते हुए पहली पारी में 115 रन बनाए थे। उसके बाद सेकंड इनिंग में भी उन्होंने मोर्चा संभालते हुए शतक जड़ा।
दुनिया के दूसरे कप्तान
विराट कोहली का बतौर कप्तान यह पहला टेस्ट भी है। बतौर कप्तान डेब्यू टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले वे दुनिया के महज दूसरे बल्लेबाज हैं। उनसे पहले यह कारनामा ग्रेग चैपल ने किया था। चैपल ने 28 नवंबर 1975 को ब्रिसबेन में हुए टेस्ट मैच में पहली बार कप्तानी संभाली थी। उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ मुकाबले में क्रमश: 123 व 109* रन की पारियां खेली थीं। वह मैच ऑस्ट्रेलिया 8 विकेट से जीता था।
एडिलेड। धोनी की अनुपस्थिति में टीम इंडिया की कमान संभाल रहे विराट कोहली ने एडिलेड टेस्ट की दूसरी पारी में भी सेंचुरी जड़ दी। एक टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले वे इंडिया के इकलौते कप्तान हैं। वैसे तो सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट कप्तान रहे हैं, लेकिन विराट ने धमाकेदार डेब्यू से इन सभी को पीछे कर दिया है। गांगुली ने बतौर कप्तान डेब्यू पर 84 रन की पारी खेली थी, वहीं धोनी पचासा तक नहीं लगा सके थे।
विराट ने एडिलेड में कप्तान की जिम्मेदारी निभाते हुए पहली पारी में 115 रन बनाए थे। उसके बाद सेकंड इनिंग में भी उन्होंने मोर्चा संभालते हुए शतक जड़ा।
दुनिया के दूसरे कप्तान
विराट कोहली का बतौर कप्तान यह पहला टेस्ट भी है। बतौर कप्तान डेब्यू टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले वे दुनिया के महज दूसरे बल्लेबाज हैं। उनसे पहले यह कारनामा ग्रेग चैपल ने किया था। चैपल ने 28 नवंबर 1975 को ब्रिसबेन में हुए टेस्ट मैच में पहली बार कप्तानी संभाली थी। उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ मुकाबले में क्रमश: 123 व 109* रन की पारियां खेली थीं। वह मैच ऑस्ट्रेलिया 8 विकेट से जीता था।
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