कहते हैं ना कि हर किसी को अपनी प्रतिष्ठा बचाए रखने और अपनी क्षमताओं का सही समय पर सही आंकलन कर लेने में ही बुद्धिमानी है । यही कहावत क्रिकेट की दुनिया के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर पर भी लागू होती है । सचिन बेशक ही एक शानदार व्यक्तित्व वाले बेहतरीन बल्लेबाज हैं, उन जैसा खिलाड़ी हमारी क्रिकेट टीम ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए धरोहर है। भारत में क्रिकेट एक धर्म की तरह और सचिन को उनके फैन्स भगवान की तरह पूजते हैं । मास्टर ब्लास्टर ने वर्ल्ड क्रिकेट में इतने रिकॉर्ड बना डाले हैं कि दुनिया का कोई भी बल्लेबाज रिकॉर्डों के आस-पास फटकने की सोच भी नहीं सकता। हालांकि पिछले कुछ समय से सचिन अपनी प्रतिभा के अनुरूप प्रदर्शन करने में असफल रहे हैं , और उनके बल्ले से उम्मीद के मुताबिक रन नहीं निकल पा रहे हैं । पिछले कुछ समय से वो लगातार अपनी फिटनेस को मेन्टेन रखने में असफल रहे हैं । गाहे-बगाहे उनके सन्यास की अटकलें भी उठती रही हैं । फैंस अब यही उम्मीद कर रहे हैं कि क्रिकेट के भगवान मैदान में खेलते हुए ससम्मान क्रिकेट के सभी प्रारूपों से अलविदा कह दें । इंडियन क्रिकेट के बेहतर भविष्य के लिए नये खिलाड़ियों को ढूंढकर उन्हे मौका देना ही होगा ताकि हम भविष्य के लिए बेहरत टीम तैयार कर सकें, क्योंकि आप लाख प्रतिभा के धनी हैं, निःसंदेह आपके पास टेलेंट की कोई कमी नहीं है पर हर खिलाडी की लाईफ में एक ऐसा समय अवश्य आता है जब वह शारीरिक रूप से टीम को अपना शत-प्रतिशत नही दे पाता हैं , उस समय आपको रिटायरमेंट के बारे में सोचना ही पड़ता और शायद इसे खुद सचिन भी जानते हैं, शायद इसीलिए उन्होने समय रहते ही वनडे मैचों से किनारा भी कर लिया । सच यह भी है कि कोई भी खिलाड़ी सचिन जैसा महान नहीं बन सकता है, सचिन जैसे दिग्गज क्रिकेटर सदियों में कभी-कभार ही होते हैं । हालांकि भारत जैसे विशाल देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, शिखर धवन, कोहली, रैना, जडेजा और अश्वनि जैसे युवा खिलाड़ियों ने आगे बढ़कर टीम की जिम्मेदारियों को संभाल लिया है, उन्होने गांगुली, द्रविड़,लक्ष्मन, सहवाग,गंभीर, हरभजन, कुंबले और जहीर जैसे बड़े खिलाड़ियों की कमी महसूस नहीं होने दिया है।रिजल्ट हमारे सामने है । आज क्रिकेट खेलने वाले देशों में भारतीय टीम का दबदबा बरक़रार है, और यंगिस्तान विश्व क्रिकेट का सिरमौर बना हुआ है । तेंदुलकर आज भी लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं, मैदान में उन्हें खेलते देखने के लिए आज भी हज़ारों फैन्स का दिल धड़क उठता है, इतना ही नहीं उनके आउट होते ही आज भी तमाम टीवी भी स्विच ऑफ हो जाते हैं । अगर कपिलदेव, अमरनाथ जैसे खिलाडी आज भी खेल रहे होते तो क्या सचिन,गांगुली, सहवाग, धोनी और विराट जैसे धुरंधरों को मौका मिल पता ?
सचिन ने अपनी लाइफ में पूरी तरह से क्रिकेट को जी लिया है, भविष्य की टीम के गठन के लिए जरूरत है कि सचिन अब विश्राम करें और क्रिकेट के सभी प्रारूपों से अलविदा कह दें। नए खिलाडियों को मौका देकर उनका मार्गदर्शन करें । सचिन के दम से पूरी दुनिया में टीम इंडिया का डंका बज़ा है,सचिन के अतुलनीय और सराहनीय योगदान को न तो भारत और न ही विश्व क्रिकेट में कभी भुलाया जा सकेगा । आज हर फैन्स यही चाहता है की सचिन ससम्मान अपनी मर्ज़ी से अपने चाहने वालों के सामने हँसते हुए तालियों की गड़गड़ाहट के बीच टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहें ।
सचिन ने अपनी लाइफ में पूरी तरह से क्रिकेट को जी लिया है, भविष्य की टीम के गठन के लिए जरूरत है कि सचिन अब विश्राम करें और क्रिकेट के सभी प्रारूपों से अलविदा कह दें। नए खिलाडियों को मौका देकर उनका मार्गदर्शन करें । सचिन के दम से पूरी दुनिया में टीम इंडिया का डंका बज़ा है,सचिन के अतुलनीय और सराहनीय योगदान को न तो भारत और न ही विश्व क्रिकेट में कभी भुलाया जा सकेगा । आज हर फैन्स यही चाहता है की सचिन ससम्मान अपनी मर्ज़ी से अपने चाहने वालों के सामने हँसते हुए तालियों की गड़गड़ाहट के बीच टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहें ।
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