बुधवार, 22 जून 2011

नौटंकी का दुर्भाग्य या सरकार की उदासीनता


नौटंकी उत्तरप्रदेश का लोक नृत्य होने के बावजूद पतन की और लगातार बढती जा रही है, क्यूंकि सरकार
नौटंकी और उसके कलाकारों के विकास के प्रति एकदम उदासीन सी है जिसके कारण नए कलाकारों का आना लगभग बंद ही हो गया  था | लेकिन कुछ ऐसे नौटंकी प्रेमी व्यक्ति हैं जो अभी भी नौटंकी के विकास के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा रहे हैं | उन्ही में से इलाहाबाद में कार्यरत एक ग्रुप है ' विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान ' जहाँ पर अभी भी कई नवयुवक,नवयुवतियां नौटंकी के माध्यम से अपना कैरियर आगे बढ़ा रहे हैं राजपाल यादव की तरह | इस ग्रुप का दुर्भाग्य यह है कि कई कलाकार पैसे के अभाव के कारण सीधे फिल्म इंडस्ट्री में चले जाते हैं | ऐसे ही सुनहरे भविष्य की आस में आज भी कई नवयुवक,नवयुवतियां नौटंकी में काम कर रहे हैं |
जिनमे से प्रियम्दा सिंह एक है जो बेहतरीन गायक और कलाकार है, वह अभी पढाई भी कर रही है और साथ में इस ग्रुप के माध्यम से से गायन व अभिनय भी सीख रही है | वह भी फिल्म इंडस्ट्री में जाना चाहती है और जिसकी वह हकदार भी है | पर इससे नौटंकी का क्या भला होगा उसका एक और कलाकार छिन जायेगा,इन सबका मुख्या कारण है सरकार की उदासीनता जिसके कारण कलाकारों को नौटंकी जैसी सशक्त विधा को छोड़कर जाना पड़ता है |
कृपया अधिक जानकारी के लिए इस लिंक  को देखें ..... 


http://www.youtube.com/watch?v=NTqHJJMz6do



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                                   http://www.youtube.com/watch?v=WH7ZHRkJyqA

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