शनिवार, 13 दिसंबर 2014

न धोनी, न गांगुली, पहले ही मैच में कोहली नंबर वन कप्तान

टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जडऩे वाले पहले भारतीय कप्तान बने विराट कोहली

एडिलेड। धोनी की अनुपस्थिति में टीम इंडिया की कमान संभाल रहे विराट कोहली ने एडिलेड टेस्ट की दूसरी पारी में भी सेंचुरी जड़ दी। एक टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले वे इंडिया के इकलौते कप्तान हैं। वैसे तो सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट कप्तान रहे हैं, लेकिन विराट ने धमाकेदार डेब्यू से इन सभी को पीछे कर दिया है। गांगुली ने बतौर कप्तान डेब्यू पर 84 रन की पारी खेली थी, वहीं धोनी पचासा तक नहीं लगा सके थे।


विराट ने एडिलेड में कप्तान की जिम्मेदारी निभाते हुए पहली पारी में 115 रन बनाए थे। उसके बाद सेकंड इनिंग में भी उन्होंने मोर्चा संभालते हुए शतक जड़ा।

दुनिया के दूसरे कप्तान
विराट कोहली का बतौर कप्तान यह पहला टेस्ट भी है। बतौर कप्तान डेब्यू टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले वे दुनिया के महज दूसरे बल्लेबाज हैं। उनसे पहले यह कारनामा ग्रेग चैपल ने किया था। चैपल ने 28 नवंबर 1975 को ब्रिसबेन में हुए टेस्ट मैच में पहली बार कप्तानी संभाली थी। उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ मुकाबले में क्रमश: 123 व 109* रन की पारियां खेली थीं। वह मैच ऑस्ट्रेलिया 8 विकेट से जीता था।

रविवार, 2 फ़रवरी 2014

कीवी टेस्ट टीम में शामिल लुधियाना का यह बॉलर अब उड़ाएगा धोनी की नींद!

ऑकलैंड। न्यूजीलैंड में कीवी गेंदबाजों के आगे घुटने टेकने वाली धोनी ब्रिगेड को अब टेस्ट सीरीज में एक और मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। इस बार न्यूजीलैंड टीम में पेसर्स के अलावा एक भारतीय स्पिनर भी टीम इंडिया के लिए मुसीबत बनेगा।

न्यूजीलैंड के सेलेक्टर्स ने लोहे से लोहे को काटने वाला तरीका अपनाया है। भारतीय खिलाड़ियों की स्पिन खेलने की क्षमता जग-जाहिर है, ऐसे में टेस्ट टीम के लिए एक ऐसे 'भारतीय खिलाड़ी' का चयन किया गया है। जो गेंद को स्पिन कराने में तो माहिर है साथ ही बल्ले से भी रन बनाने में सक्षम है।

भारतीय मूल के इस खिलाड़ी को न्यूजीलैंड के दिग्गज स्पिनर व पूर्व कप्तान डेनियल विटोरी के स्थान पर टीम में शामिल किया गया है।  6 फरवरी से होने वाली टेस्ट सीरीज में यह खिलाड़ी न्यूजीलैंड का सीक्रेट हथियार साबित हो सकता है।

टेस्ट सीरीज में लुधियाना के 21 वर्षीय इंदरबीर सिंह सोढ़ी को न्यूजीलैंड की टेस्ट टीम में शामिल किया गया है। इंटरनेशनल क्रिकेट में 5 टेस्ट में 11 विकेट लेने वाले सोढ़ी को टीम में रखा गया है और वे टीम के इकलौते स्पिनर होंगे।

सोढ़ी भारतीय लेग स्पिनर अनिल कुंबले को अपना आइडियल मानते हैं। सोढ़ी ने अब तक ब्लैक कैप्स के साथ पांच टेस्ट मैच खेले हैं और पांचों में ही न्यूजीलैंड की जीत हुई है।

सोढ़ी ब्लैक कैप्स के लिए टेस्ट खेलने वाले पहले भारतीय मूल के खिलाड़ी हैं वहीं, कीवीज के लिए खेलने वाले वे दूसरे इंडिया बॉर्न हैं।

सोढ़ी 4 साल के थे जब उनके डॉक्टर पिता न्यूजीलैंड में बस गए थे। ईश की परवरिश ऑकलैंड में हुई है। उनकी पहली पसंद तेज गेंदबाजी थी, लेकिन बाद में पूर्व कीवी स्पिनर दीपक पटेल ने उन्हें स्पिन गेंदबाजी के लिए प्रोत्साहित किया।

सोढ़ी ने 9 अक्टूबर 2013 को बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने अब तक 5 टेस्ट मैचों की 8 पारियों में 11 विकेट झटके हैं वहीं, बल्लेबाजी में भी हाथ आजमाते हुए इतने ही टेस्ट में 30.40 की एवरेज से कुल 152 रन बनाए हैं। टेस्ट मैचों में उनका उच्चतम स्कोर 58 रन है।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट
सोढ़ी ने 23 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेलते हुए कुल 46 विकेट लिए हैं, वहीं बल्लेबाजी करते हुए इतने ही मैचों में 5 अर्धशतकों के साथ कुल 667 रन बनाए हैं।

लिस्ट 'ए' मैच
लिस्ट 'ए' के तीन मैचों में ईश ने कुल 3 विकेट लिए हैं, साथ ही बल्लेबाजी करते हुए 29 रन बनाए हैं।




बुधवार, 18 दिसंबर 2013

यहां अभी भी चलता है जंगलराज …


आज मैं इलाज के सिलसिले में संडीला गया था, जोकि हरदोई जिले में पड़ता है. सौभाग्य से मेरा गाँव भी संडीला तहसील में ही है. लेकिन इस बार जब मैं संडीला गया तो शहर के हालात कुछ बदले-बदले लगे, सड़कें एकदम लकालक साफ़ थीं, हर तरफ ट्रैफिक को कंट्रोल करते पुलिसकर्मी नजर आ रहे थे, कुल मिलाकर ऐसा लग रहा रहा जैसे मैं किसी साउथ इंडिया की सिटी में आ गया हूँ, पर जैसे ही चौराहे पर पंहुंचा, लोंगों से पूंछा , और बड़े-बड़े होर्डिंग्स देखा तो पता चला ऐसा कुछ भी नही है जैसा मैं सोच रहा था दरअसल आज कसबे में यू पी के सीएम अखिलेश यादव जी के आज़म चचा आ रहे हैं. 

   यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री के स्वागत के लिए शानदार व्यवस्था की गई थी,  मेनरोड को नगरीय विकास मंत्री के स्वागत के लिए चमाचम किया गया था, रोड्स को नहलाया गया था इतना ही नहीं हमेशा गन्दी रहने वाली सड़कों के किनारे चूना भी डाला गया था ताकि खूबसूरत भी दिखें। खैर मुझे क्या मतलब मैं तो दवा लेने गया था, सो दिमाग पर जोर न देकर अपने काम से लग गया.
लेकिन जब मैं वापस आ रहा था तभी मैंने एक पटाखा फटने जैसी आवाज सुनी, पीछे मुडा तो देखा लोगों की भीड़ जमा हो रही, दरअसल किसी ने एक पल्सर बाइक सवार को गोलियों से भून दिया था. उस 35-40 साल के युवक को शरीर से सटाकर गोली मारी गई थी. वह भी वहां पर जहां से चंद कदमों की  ही दूरी पर संगीनें लिए आज़म खान के स्वागत के लिए तमाम पुलिस जाप्ता तैनात था.
  
  इस घटना से साफ़ ज़ाहिर होता है कोई कुछ भी कहे उत्तरप्रदेश में जंगलराज क़ायम है! यूपी  में बेख़ौफ़ हो चले अपराधियों को किसी का भी खौफ नही है. क्यूंकि जिस तरह से पुलिस कि मौजूदगी में इस हादसे को अंज़ाम दिया गया है पूरी कहानी साफ़ हो जाती है. वहां मौज़ूद लोगों ने बताया कि पिछले 6 माह के अंदर इस तरह की यह तीसरी वारदात है जब किसी को सरेराह गोली मारी गई हो.

 ऐसे में सवाल उठना लाज़िमी है कि एक मिनिस्टर की सुरक्षा को लेकर पुलिस कितनी सजग थी, ऐसे में कभी भी किसी हादसे को अंज़ाम दिया जा सकता था.

   ऐसे में साफ़ जाहिर होता है कि यूपी में न तो कोई कानून व्यवस्था है और न ही अपराधियों में उसका खौफ है. अखिलेश को इस बार लोगों ने बड़ी ही उम्मीद के साथ सीएम बनाया था, जिसे पूरा करने में माननीय मुख्यमंत्री जी पूरी तरह से असफल रहे हैं. 

फ़ोटो- फ़ाइल