मंगलवार, 11 अगस्त 2020

Police Encounter : 'ब्राह्मण हो तो यूपी में बच के रहना'


- पुलिस एनकाउंटर में मारे गये हनुमान पांडेय के पिता ने पुलिस पर उठाये सवाल

- हर बार क्यों पुलिस एनकाउंटर खड़े हो जाते हैं सवाल: जितिन प्रसाद

- सरकार ऐसा काम न करे, ब्राह्मण समाज असुरक्षित महसूस करे : मायावती

लखनऊ. कानपुर के बिकरू कांड के बाद योगी सरकार हर जिले में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पुलिस के ऑपेशन क्लीन के तहत अब तक कई ईनामी बदमाश ढेर किये गये हैं। रविवार को लखनऊ में पुलिस ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में आरोपित इनामी बदमाश राकेश पांडेय उर्फ हनुमान को ढेर कर दिया। एनकाउंटर को लेकर हनुमान पांडेय के पिता आर्मी से सेवानिवृत्त बालदत्त पांडेय ने यूपी एसटीएफ पर सवाल उठाए हैं। जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार पर एक बार फिर ब्राह्मणों के खिलाफ कार्रवाई के आरोप लग रहे हैं। एनकाउंटर की सीबीआई जांच के लिए मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है। अधिवक्ता ने सर्वोच्च याचिका में दाखिल जनहित याचिका में एनकाउंर में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की है।


पूर्व केंद्रीय मंत्री व यूपी कांग्रेस के युवा नेता जितिन प्रसाद ने पुलिस एनकाउंटर में मारे गये हनुमान पांडेय के पिता का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि अपराधियों पर कार्यवाही हो इससे मैं भी सहमत हूं। लेकिन हमारे प्रदेश में जो कार्यवाही हो रही है उस पर हर बार सवाल क्यों खड़े हो जाते हैं? इस पर भी विचार करना पड़ेगा। जैसा इस प्रकरण में भी सुनाई पड़ रहा है।


ब्राह्मण हो तो बच के रहना : अंशू अवस्थी

पूर्व प्रवक्ता व कांग्रेस नेता अंशू अवस्थी ने पुलिस एनकाउंटर में मारे गये हनुमान पांडेय के पिता का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि ब्राह्मण हो तो बच के रहना सरकार संविधान और कानून से नहीं। सीधे हत्या कराएगी। घर से उठाया और हत्या करा दी। वाह!


हनुमान पांडेय के पिता ने एनकाउंटर पर उठाये सवाल

बालदत्त पांडेय ने कहा कि पुलिस उनके बेटे लखनऊ स्थित आवास से शनिवार की रात तीन बजे उठाकर ले गई और एनकाउंटर कर दिया। हनुमान लखनऊ में अपनी मां का इलाज करा रहा था। इसी को लेकर आता जाता रहा। उस पर एक लाख का ईनाम कब घोषित हुआ, कभी मामला सामने नहीं आया। ज्यादातर केस से वह बरी हो गया था और बाहर था। हनुमान के पिता ने कहा है कि मेरे बेटे को घर से ले जाकर मार दिया। अब वे यूपी एसटीएफ को कोर्ट में घसीटेंगे।


यूपी में यह क्या हो रहा है? जितिन प्रसाद

'ब्रह्म चेतना संवाद' के जरिए ब्राह्मणों की आवाज बनने की कोशिश कर रहे जितिन प्रसाद एक और ट्वीट में बाहुबली विधायक विजय मिश्रा वीडियो शेयर करते हुए कहते हैं उत्तर प्रदेश में में यह क्या हो रहा है? जहां पं. विजय मिश्रा जैसे विधायक भी अपने को असुरक्षित समझ रहे हैं! क्या एक जाति विशेष में अब जन्म लेना भी असुरक्षा का कारण बनने लगा है? विजय मिश्रा भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से लगातार चौथी बार विधायक चुने गये हैं। विधायक पर जबरन जमीन कब्जाने का आरोप है। मामले में बाहुबली विधायक विजय मिश्रा, उनकी एमएलसी पत्नी और बेटे पर मकान में जबरन रहने और कब्जा करने के आरोप में एक और मुकदमा दर्ज कराया गया है। विधायक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले को अपने खिलाफ बड़ी साजिश बताया है। 


सरकार ऐसा काम न करे, ब्राह्मण समाज असुरक्षित महसूस करे : मायावती

बिकरू हत्याकांड के बाद से पुलिस की कार्रवाई उठ रहे सवालों के बीच बहुजन समाज पार्टी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि बसपा का मानना है कि किसी गलत व्यक्ति के अपराध की सजा के तौर पर उसके पूरे समाज को प्रताड़ित व कटघरे में नहीं खड़ा करना चाहिए। एक और ट्वीट में मायावती ने कहा कि सरकार ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे अब ब्राह्मण समाज भी यहां अपने आपको भयभीत, आतंकित व असुरक्षित महसूस करे।


..और शुरू हो गई ब्राह्मण पॉलिटिक्स

उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने परशुराम भगवान की लखनऊ में 108 फीट ऊंची मूर्ति लगाने का ऐलान कर यूपी के 11 करोड़ ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया। अगले ही दिन बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकार बनने पर बहुजन समाज पार्टी परशुराम की भव्य मूर्ति लगवाएगी। जितिन प्रसाद की अगुआई में कांग्रेस पहले ही ब्राह्मण वोटरों पर निशाना साध रही है। वहीं, बीजेपी ने विपक्षी दलों के ब्राह्मण प्रेम को सिर्फ दिखावा बताया है।

शुक्रवार, 7 अगस्त 2020

Covid 19 : कोरोना संक्रमण को रोकने में कारगर है Ivermectin दवा, यूपी सरकार ने जारी किया शासनादेश



- COVID-19 के इलाज में कारगर है Ivermectin दवा, योगी आदित्यनाथ सरकार ने जारी किया शासनादेश

- Corona Positive के संपर्क में आये, हल्के लक्षण वाले और स्वास्थकर्मियों को आइवरमेक्टिन दवा देने की सलाह

- गर्भवती व धात्री महिलाओं और दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को Ivermectin Tablet नहीं देने के निर्देश

- कोरोना संक्रमण रोकने और Corona Treatment में आइवरमेक्टिन के साथ Doxycycline दवा लेने के निर्देश


कोरोना (Corona Virus) के खात्मे के लिए वैसे अभी तो कोई दवा नहीं बनी है, लेकिन आइवरमेक्टिन (Ivermectin) टैबलेट कोरोना संक्रमण के बचाव और उपचार में कारगर है। 50 वर्ष पहले पेट के कीड़ों को मारने की दवा से रोकोना संक्रमण को रोका जा सकता है। हल्के लक्षण वाले मरीज इससे स्वस्थ हो सकते हैं। कोरोना (Covid 19) के इलाज को लेकर यूपी सरकार (UP Government) ने महत्वपूर्ण शासनादेश जारी किया है, जिसमें आइवरमेक्टिन टैबलेट को कोरोना इलाज (Corona Treatment) में कारगर दवा बताया गया है।


कोविड-19 के संक्रमण (Covid 19 Infection) से बचाव के लिए आइवरमेक्टिन टैबलेट को दवा के तौर पर इस्तेमाल करने की मंजूरी मिल गई है। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शासनादेश जारी करते हुए दवा के इस्तेमाल के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी। शासनादेश में बताया गया है कि कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) के संपर्क में आये व कोरोना के उपचार में लगे स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण से बचाव के लिए आइवरमेक्टिन दवा दी जाये। इसके अलावा एसिम्प्टोमेटिक या हल्के लक्षणों वाले कोविड-19 के पुष्ट रोगियों टैबलेट दी जा सकती है। साथ ही डॉक्सीसाइक्लीन (Doxycycline) दवा देने की सलाह दी है। यह दवा कितनी बार और कितनी मात्रा में दी जानी है, जारी शासनादेश में बताया गया है।


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इनको दवा देने पर प्रतिबंध

प्रदेश सरकार की ओर से जारी शासनादेश में बताया गया है कि गर्भवती एवं धात्री महिलाओं व दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आइवरमेक्टिन दवा नहीं दी जाएगी। इसके अलावा इन्हें डॉक्सीसाइक्लीन दवा भी नहीं देने को कहा गया है।


1970 में हुई थी इस दवा की खोज

आइवरमेक्टिन की खोज वर्ष 1970 में हुई थी। पेट में कृमिनाशक के तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली इस दवा के कई फायदे हैं। रिवर ब्लाइंडनेस, एस्कारिया सिस, फाइले रिया, इंफ्लूएंजा, डेंगू के मरीजों में भी यह दवा उपयोगी साबित हुई है। अब आइवरमेक्टिन दवा कोरोना वायरस के रोकथाम में भी असरदार बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि आइवरमेक्टिन दवा कोशिका से वायरस को न्यूक्लियस में पहुंचने से रोक देती है। ऐसे में वायरस मरीज के डीएनए से मिलकर मल्टी फिकेशन नहीं कर पाता है। लिहाजा, इस सस्ती दवा के जरिए कई मरीजों की जिंदगी बचाई जा सकती है।


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