रविवार, 2 अगस्त 2020

Raksha Bandhan 2020 : शुभ मुहूर्त में ऐसे बांधें भाइयों को राखी, मिलेगा शुभ फल



- 29 साल बाद इस रक्षाबंधन पर बन रहा विशेष योग
- 3 अगस्त को सुबह 8:28 मिनट से रात 8:20 मिनट तक राखी बांधने का है शुभ मुहूर्त
- भाइयों की कलाई पर काले रंग का धागा, टूटी व प्लास्टिक और अशुभ चिन्हों वाली राखी न बांधें बहनें

तीन अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके सुखमय जीवन की कामना करती हैं। बदले में भाई भी बहनों को गिफ्ट देकर आजीवन उनकी रक्षा का वादा करते हैं। राखी बांधते समय शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रक्षाबंधन पर सोमवार को सुबह 8:28 मिनट से रात 8:20 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, ध्यान रखें कि भाई की दाहिनी कलाई पर ही राखी बांधें। राखी बांधते समय बहनों का मुंह पश्चिम दिशा की ओर और भाई का मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से शुभ फल मिलता है।

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि शुभता के लिए भाई को तिलक और राखी बांधते समय बहनों को 'येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचल।' मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे विशेष फल की प्राप्ति होती है। राखी को बांधने के बाद भाई की आरती उतारना और मीठा खिलाना उत्तम माना गया है। राखी बांधते समय बहनें ध्यान रखें कि वह भाइयों की कलाई में काले रंग का धागा, टूटी या खंडित राखी, प्लास्टिक की राखी और अशुभ चिन्हों वाली राखी नहीं बांधे। ऐसा करना दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

29 वर्ष बाद रक्षाबंधन पर बन रहा विशेष संयोग
इस बार रक्षाबंधन पर महासंयोग के कारण भाई-बहनों को विशेष लाभ मिलेंगे। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, 29 वर्ष बाद इस बार रक्षाबंधन पर्व परविशेष अमृत योग बन रहा है। सावन के आखिरी सोमवार को पूर्णिमा पर श्रावण नक्षत्र भी है, जिससे इस दिन प्रीतियोग, आयुष्मान योग और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है जो इस दिन को विशेष और दुर्लभ बनाता है। इस शुभ संयोग में पूजा करने से पूजा का फल दोगुना मिलता है। यह कहना है ज्योतिषाचार्य डॉ. शिवबहादुर तिवारी का। साथ ही उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन पर बहनों को किस तरह से भाई की कलाई पर राखी बांधनी चाहिए, जो सबके लिए फलदायी हो। 

ज्योतिषाचार्यों का कहना है किसावन के आखिरी सोमवार को ही पूर्णिमा तिथि है। इस दिन चंद्रमा के मकर राशि में होने से प्रीति योग बन रहा है। यह शुभ संयोग सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इसके बाद आयुष्मान योग लग जाएगा। पूर्णिमा और सोमवार और रक्षाबंधन के इस अद्भुत संयोग को सौम्या तिथि माना जाता है। मान्यता है कि सावन के आखिरी सोमवार के दिन भगवान शिव और माता पार्वती धरती का भ्रमण करने के साथ ही अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

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