शुक्रवार, 12 जून 2020

जुलाई तक और भयावह हो सकता CoronaVirus का संक्रमण, रहें सतर्क



Corona Virus प्रतिदिन 200-250 देशवासियों की जान ले रहा है। आशंका है कि जुलाई के अंत तक हर रोज होने वाली मौतों का आंकड़ा 3000 से 4000 तक पहुंच सकता है। महामारी की चपेट में आकर आम आदमी से लेकर नेता और डॉक्टर तक मौत के मुंह में समा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में सीएमएस डॉ. संत प्रकाश गौतम की मौत हमें और सजग करती है। वह कोरोना वारियर्स थे और शिद्दत से वायरस को हराने में जुटे थे, खुद को नहीं बचा सके। हर दिन ऐसे तमाम केस सामने आ रहे हैं, जिन्हें कोरोना महामारी ने निगल लिया। यह संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में ट्रीटमेंट की क्या स्थिति है किसी से छिपा नहीं है।

मेरा मकसद आपको डराना नहीं, बल्कि सावधान करना है। वैक्सीन की खोज तक हमें खुद अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा करनी होगी। सावधानी पूर्वक हमें कोरोना के साथ ही जीने की आदत डालनी होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि प्राथमिक स्तर वाले कोरोना संक्रमितों में सिर्फ पांच फीसदी ही ऐसे हैं जिन्हें ट्रीटमेंट की जरूरत होती है, शेष अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के जरिए वायरस को हराने में सफल रहते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप सतर्क रहें और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करें।

क्या करें 
- बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें
- सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करें
- मास्क और सेनेटाइजेशन को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं
- सेहत का ध्यान रखें, नियमित योग और व्यायाम करें
- बाहर के खाने से परहेज करें और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते रहें

यह भी पढ़ें : वायरस से ज्यादा खतरनाक है लोगों का व्यवहार, कोरोना को हराकर लौटे शख्स की जुबानी..

गुरुवार, 11 जून 2020

वायरस से ज्यादा खतरनाक है लोगों का व्यवहार, कोरोना को हराकर लौटे शख्स की जुबानी..


भारत में कोरोना संक्रमण का पीक टाइम आना अभी शेष है। बहुत संभव है कि हम सभी का कोरोना से साबिका पड़े और हम जीतें भी। लेकिन, इस दौरान हमें अपनी इंसानियत और मानवता को नहीं खोना है। कोरोना को हराकर घर लौटे एक वरिष्ठ पत्रकार संतोष पंत ने बीमारी से लड़ने के अपने अनुभवों को शेयर किया। उनका कहना है कि कोरोना से ज्यादा उन्हें लोगों के बिहैवियर ने परेशान किया। एक टीवी चैनल में मैंने करीब दो वर्ष तक उनके साथ काम किया। इस दौरान वह मेरे रूम पार्टनर भी रहे। इसलिए मैं उन्हें बेहतर जानता हूं। वह बेहद जिंदादिल, सामाजिक और व्यवहार कुशल इंसान हैं। वह हमेशा दूसरों का ख्लाल रखने वालों में शामिल हैं। उनकी विल पॉवर इतनी जबरदस्त है कि हैदराबाद में उन्होंने मैराथन में भाग लेने की ठान ली और मंजिल तक दौड़े भी। आइए आज आपको उनकी पूरी पोस्ट पढ़ाते हैं, ताकि आप भी उनकी नजरों से हकीकत को समझ सकें-

ज़रूर पढ़िए..
-------------
मैं संतोष कुमार पंत। कोरोना को लेकर मेरी अपनी राय और आप लोगों को सलाह है। 24 मई को मेरा टेस्ट हुआ जिसमें एक सैंपल में कोरोना पॉजिटिव आया और एक सैंपल नेगेटिव। लेकिन एक सैंपल पॉजिटिव था तो आपको अपनी केयर करनी लाजिमी थी, जो मैंने की। और आज मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं।

देश और दिल्ली में कोरोना का क्या कहर है ये सभी लोग जानते हैं। अस्पताल, सरकार कहां है और क्या काम कर रही है, किसी को नहीं पता? आप कह सकते हैं कि दिल्ली या कहीं भी आप भगवान भरोसे हैं। आपकी किस्मत, कम्पनी अच्छी है तो आपका टेस्ट पहले हो जाया करता था, जैसे कि मेरा हुआ तो आपको मालूम चल जाएगा कि आपकी रिपोर्ट क्या है। लेकिन अब दिल्ली में ये सब भी बंद है। तो आप लोग ये मान लीजिए कि आप अपनी केयर से बच गए तो ठीक वरना राम-नाम सत्य है।

ये तो सरकार और हॉस्पिटल का हाल है। अब आप आइए अपने आस पास-पड़ोस और फ्लैट सिस्टम रूपी पड़ोस में। जैसे ही आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी, उसके बाद आप कहीं न कहीं से हर दिन कुछ न कुछ सुनते रहेंगे, जैसे इन लोगों ने बताया नहीं। इनके घर मत जाना। पानी वाले को बोल देंगे कि इनके घर पानी दोगे तो हमारे घर मत देना। कूड़े वाला कूड़ा नहीं उठा रहा। आपका समान कोई नहीं ला रहा। आप सोचेंगे कि आप अगले दिन बचेंगे या मर जाएंगे। और सच मानिए ये जो दिल्ली में आधे लोग मर रहे हैं न ये इन्हीं पड़ोसियों की देन है। क्योंकि यहां वैसे ही किसी को मतलब नहीं रहता किसी से। ऊपर से कोरोना आ गया तो रहे सहे पड़ोसियों का भी आपसे मतलब नहीं रहता। आप गांव में होते तो आधा गांव आपसे लिपट कर ही कोरोना पॉजिटिव हो जाता, वहां प्रेम ही इतना है। हमेशा एक दूसरे की मदद के लिए तैयार।

मेरे केस में भी ऐसा ही था। सारे मतलबी पड़ोसी गायब। आप जी रहे हैं या मर रहे हैं, किसी को कोई मतलब नहीं। ये बात आप हमेशा याद रखिए कि आपकी गली, आपके पड़ोसी अच्छे हों तो आप किसी भी बीमारी से ऐसे ही जंग जीत लेंगे। लेकिन उसमें से जो एक दो लोग अच्छे होते हैं, उनके बारे में आपको जरूर तहे दिल से शुक्रिया बोलना चाहिए। ये में सिर्फ अपने फ्लैट के ऊपर वाले फ्लैट में रहने वाले प्रवीण भाई और उनकी वाइफ रितु के लिए लिख रहा हूं। कि आप लोगों को भी ऐसे ही लोग ज़िन्दगी में मिलें। जिस दिन से मैं पॉजिटिव आया हूं, उस दिन से मेरे ठीक होने तक मेरे घर का सारा काम, सामान लाना, मेरे परिवार को पानी देना, मेरी पानी की मोटर चलाना, मेरी दवाई लाना सारा काम दोनों ने किया। मुझे किसी भी बात की चिंता नहीं होने दी। गली में एक दो लोग और अच्छे हैं, जिन्होंने पूछा। लेकिन ये मान लीजिए कि आपको ज़्यादातर लो, अगर रिपोर्ट नेगेटिव भी आ जाय, फिर भी उनकी सोच नेगेटिव ही रहेगी। आपके वो ज़िन्दगी में कभी काम नहीं आएंगे। इसलिए जितनी दूरी ऐसे लोगों से बना ली जाय उतना अच्छा। हर कोई आने वाले समय में कोरोना की जद में होगा। अपना ख्याल रखिए और अच्छे लोगों के साथ रहिए। अच्छे पड़ोसी, आपको फोन करके आपको मोटिवेट करने वाले लोग, आपकी शारीरिक और मानसिक मजबूती ही कोरोना की वैक्सीन है।

आज मैं स्वस्थ हूं तो उसका सारा श्रेय में अपनी वाइफ, प्रवीण भाई और रितु भाभी को दूंगा। और आपसे अनुरोध है कि ऐसे सभी लोगों और पड़ोसियों का सम्मान करें और इनका मेरे साथ तहे दिल से शुक्रिया कहें।

यह भी पढ़ें : जहां के लिए जान दांव पर...

संतोष पंत की  फेसबुक वॉल से साभार

रविवार, 7 जून 2020

जहान के लिए जान दांव पर..!


लॉकडाउन 2.0 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जान है जहान है का स्लोगन बदलकर जान भी और जहान भी कर दिया था। जहान को बचाने लिए 'लॉक' को 'डाउन' कर अनलॉक (Unlock 1.0) कर दिया गया। भारत में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर अनलॉक 1.0 में सब कुछ खुल चुका है। लोग सड़कों पर हैं। गांव हो या शहर कोरोना (Covid 19) की परवाह किए बिना सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं नतीजन, कोरोना संक्रमण रफ्तार पकड़ चुका है। हर दिनों हजारों की संख्या में मिलते पॉजिटिव मरीज (Corona Positive) चिंता का विषय है।

देश में अब तक संक्रमित मरीजों की संख्या (Corona Positive in India) ढाई लाख पार कर चुकी है। कुल संक्रमितों की संख्या में अमेरिका, ब्राजील, रूस और ब्रिटेन ही भारत से आगे हैं। अब तक करीब 7 हजार मरीजों की मौत हो चुकी है वहीं, एक लाख से अधिक मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। भारत का सबसे अधिक संक्रमित राज्य महाराष्ट्र है, जहां करीब 83 हजार पॉजिटिव केस मिले हैं। तमिलनाडु में 30 से अधिक, दिल्ली में करीब 28 हजार, गुजरात में करीब 20 हजार, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 10 हजार के पार है।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) का मानना है कि अगर ज्यादा संख्या में जांच (Covid Test) की जाए तो कोरोना वायरस के मामले भारत में अमेरिका से ज्यादा निकलेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका में अब तक दो करोड़ जांच की जा चुकी है। भारत में अब तक 45 लाख से अधिक लोगों का कोरोना टेस्ट हो चुका है, जबकि अकेले उत्तर प्रदेश में 25 लाख से ज्यादा लोग दूसरे राज्यों से आ चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि भारत पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है, हालांकि डब्ल्यूएचओ अभी की स्थिति को विस्फोटक नहीं मानता है। 


अब हमारे हवाले वतन साथियों

केंद्र व राज्य सरकार तमाम प्रयास कर रही है, लेकिन वो नाकाफी हैं। अब जब तक लोग खुद भी इसे सीरियसली नहीं लेंगे। संक्रमण को रोक पाना मुश्किल होगा। अस्पतालों की स्थिति भी बेहद भयावह होती जा रही है। दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में अभी से अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे हैं। डॉक्टर से लेकर नर्स तक संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सेनेटाइजर का इस्तेमाल करते रहें। साथ ही खान-पान में बेहद सजगता बरतकर इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करें तभी आप कोरोना का मुकाबला कर पाएंगे। क्योंकि अब हमारा वतन हमारे हवाले है। जब आप सुरक्षित रहेंगे तभी परिवार, समाज, देश और जहान भी सुरक्षित रहेगा। इसलिए फिलहाल जान है तो जहान हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।