सोमवार, 6 जून 2011

बाल विज्ञान मेला

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बीजू मोहन बच्चों को माथापच्ची  करवाते हुए


सत्यनाम बालिकाओं को विज्ञान के चमत्कार दिखाते हुए 


चन्द्र कला जी बालिकाओं को कबाड़ से जुगाड़ बनाना सिखाती हुयी 



प्रतीक विज्ञानं के प्रयोग करवाते हुए 


































चन्द्र कला,बीजू मोहन,तेजराम तथा सत्यनाम बालिकाओं तथा अभिभावकों को संबोधित करते हुए 
















भारतीय ज्ञान-विज्ञान समिति और जहांगीराबाद मीडिया इंस्टिट्यूट के सहयोग से दो दिवसीय बाल विज्ञान मेले का आयोजन किया गया | बाराबंकी मसौली के रफ़ी गर्ल्स इंटर कॉलेज में आयोजित इस मेले में ग्रामीण बालिकाओं को खेल-खेल में विज्ञान और गणित सिखाई गयी | इसको चार कोर्नर में सिखाया गया --ओरिगोमी अर्थात कबाड़ से जुगाड़, विज्ञान के प्रयोग,विज्ञान के चमत्कार और माथा पच्ची आदि ...
 सिखाने के लिए दिल्ली से चन्द्र कला(भारतीय ज्ञान-विज्ञान समिति),बीजू मोहन(जहांगीराबाद मीडिया इंस्टिट्यूट), प्रतीक(बाराबंकी) और सत्यनाम वर्मा(बाराबंकी) आये जिन्होंने  पूरी लगन के साथ बच्चों को सिखाया |
 इस मेले में भाग लेने के लिए दूर-दूर गाँव से लगभग १२५ बालिकाओं ने भाग लिया |
इस मेले से अभिभावक भी संतुस्ट नजर आये और बच्चों ने भी हँसते-हँसते सीखा |इस कार्यक्रम की अध्यक्षता तेजराम ने की |

माँ

































लखनऊ के संगीत नाटक कला एकेडमी में मैक्सिम गोर्की के नाटक 'माँ ' का शानदार मंचन किया गया | जिसमे कलाकारों ने लाजवाब अभिनय के द्वारा दर्शकों का मनोरंजन किया | इसका निर्देशन मशहूर रंगकर्मी आदमजीत सिंह जी ने किया | ऐसा शानदार अभिनय देखकर दर्शकों खूब तालियों से स्वागत किया | इस हाल में सारी सीटें भर गयी थी कुछ ने तो खड़े-खड़े ही आनंद  लूटा | 

लोकतंत्र पर हमला

नई दिल्ली के रामलीला मैदान में जो भी हुआ वह लोकतंत्र की आत्मा पर करारा प्रहार है | यूपीए गठबंधन वाली कांग्रेस सरकार ने जो कृत्य किया वह घ्रणित एवम निंदनीय है |
हर किसी को अपनी बात रखने का,शांतिपूर्वक आन्दोलन करने का अधिकार है | माना  हम सब बाबा रामदेव के साथ नहीं खड़े हो सकते क्यूंकि उसे आर एस एस या बी जे पी का समर्थन प्राप्त हो सकता है  लेकिन भ्रस्टाचार के मुद्दे पर हम सब चाहे रामदेव हों या कोई और हमेशा  एक साथ हैं | हर कोई छोटा,बड़ा,हिन्दू,मुसलमान,सिख और ईसाई भ्रस्टाचार के खिलाफ रामदेव के साथ खड़ा होगा |
जिस तरह रामलीला मैदान में सोते हुए निरपराध लोगों पर लाठियां भांजीं गयीं,आंसू गैस के गोले छोड़े गए और लोगों को खदेड़कर भगाया गया लोकतंत्र का अपमान है जो दर्शाता है की सरकार अपने आपको हिटलर समझ बैठी है |
सरकार इतना क्यूँ डर गयी कि वह सुबह होने तक इंतजार नही कर सकी जिसने निरीह और सोते हुए लोगों पर अपनी तानाशाही ताकत दिखाई |जिस प्रकार बर्बरतापूर्वक आधी रात के बाद ही इस आन्दोलन को कुचला गया इससे हर भारतीय दुखी है और उसके मन में रोष है | इस कृत्य के द्वारा लोकवाणी का क्रूर दमन करने की साजिश की गयी है |
आज सरकार रामदेव पर टैक्स चोरी और बेईमानी का इलज़ाम लगा रही है,इससे पहले कहाँ सो रही थी और आज ही क्यूँ ? अर्थात सरकार जानते हुए भी चुप थी कि रामदेव चोर व् बेईमान है ? दूसरे शब्दों में चुपचाप लोकतंत्र को लूटतंत्र में बदलते रहो नहीं तो महंगा पड़ेगा ?
माना सरकार के पास पॉवर है पर यह आया कहाँ से ? जो जनता आसमान पर बिठा सकती है वह जमीन पर गिरा भी सकती है |
भ्रस्टाचार के मामले में सरकार ने पहले अन्ना हजारे द्वारा चलाये गये आन्दोलन से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश की और वही अब रामदेव के साथ कर रही है |
कुछ भी हो जनता से की गयी बदसलूकी और लोकतंत्र के अपमान का खामियाजा तो इस सरकार को भुगतना ही पड़ेगा |