सोमवार, 6 जून 2011

लोकतंत्र पर हमला

नई दिल्ली के रामलीला मैदान में जो भी हुआ वह लोकतंत्र की आत्मा पर करारा प्रहार है | यूपीए गठबंधन वाली कांग्रेस सरकार ने जो कृत्य किया वह घ्रणित एवम निंदनीय है |
हर किसी को अपनी बात रखने का,शांतिपूर्वक आन्दोलन करने का अधिकार है | माना  हम सब बाबा रामदेव के साथ नहीं खड़े हो सकते क्यूंकि उसे आर एस एस या बी जे पी का समर्थन प्राप्त हो सकता है  लेकिन भ्रस्टाचार के मुद्दे पर हम सब चाहे रामदेव हों या कोई और हमेशा  एक साथ हैं | हर कोई छोटा,बड़ा,हिन्दू,मुसलमान,सिख और ईसाई भ्रस्टाचार के खिलाफ रामदेव के साथ खड़ा होगा |
जिस तरह रामलीला मैदान में सोते हुए निरपराध लोगों पर लाठियां भांजीं गयीं,आंसू गैस के गोले छोड़े गए और लोगों को खदेड़कर भगाया गया लोकतंत्र का अपमान है जो दर्शाता है की सरकार अपने आपको हिटलर समझ बैठी है |
सरकार इतना क्यूँ डर गयी कि वह सुबह होने तक इंतजार नही कर सकी जिसने निरीह और सोते हुए लोगों पर अपनी तानाशाही ताकत दिखाई |जिस प्रकार बर्बरतापूर्वक आधी रात के बाद ही इस आन्दोलन को कुचला गया इससे हर भारतीय दुखी है और उसके मन में रोष है | इस कृत्य के द्वारा लोकवाणी का क्रूर दमन करने की साजिश की गयी है |
आज सरकार रामदेव पर टैक्स चोरी और बेईमानी का इलज़ाम लगा रही है,इससे पहले कहाँ सो रही थी और आज ही क्यूँ ? अर्थात सरकार जानते हुए भी चुप थी कि रामदेव चोर व् बेईमान है ? दूसरे शब्दों में चुपचाप लोकतंत्र को लूटतंत्र में बदलते रहो नहीं तो महंगा पड़ेगा ?
माना सरकार के पास पॉवर है पर यह आया कहाँ से ? जो जनता आसमान पर बिठा सकती है वह जमीन पर गिरा भी सकती है |
भ्रस्टाचार के मामले में सरकार ने पहले अन्ना हजारे द्वारा चलाये गये आन्दोलन से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश की और वही अब रामदेव के साथ कर रही है |
कुछ भी हो जनता से की गयी बदसलूकी और लोकतंत्र के अपमान का खामियाजा तो इस सरकार को भुगतना ही पड़ेगा | 
     

7 टिप्‍पणियां:

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  2. भाई साहब को नमस्कार,
    यू० पी० ये० सरकार का अगर हम न बोल कर कांग्रेस का कार्य बोले तो ज्यादा अच्छा होगा. भारत को लुटने के लिए ही कांग्रेस का गठन हुआ, और आज़ादी के बाद से वह चाहे जवाहर लाल नेहरु का कार्य काल रहा हो या फिर आज सोनिया/मनोहन सिंह का! सारे के सारे नतीजे सिर्फ भारत को लुटने वाले ही सामने आयें है. अब अगर सरकार या सरकारी दलाल यह बोले की हमने बहुत विकास कार्य किये हैं तो ये उनकी गलत फहमी होगी. लेकिन आपको यह गलत फहमी कहाँ से हो गयी की आपने सपष्ट रूप से न कहते हुए भी राम देव/ अन्ना हजारे को आर० एस० एस०/ बी० जे० पी० का बता डाला? क्या बलिदानी रंग को पहने का हक़ सिर्फ आर० एस० एस०/ बी० जे० पी० को ही है? हमेशा फगुआ पहनने वाला आर० एस० एस०/ बी० जे० पी० नहीं हो सकता. ठीक वैसे ही जैसे आप लोग ये कहते हैं की हर मुसलमान आतंकवादी नहीं है........ यार जब लोक तंत्र को १९४८ में मिलेट्री की जीपों की खरीददारी की दलाली महंगी नहीं पड़ी......... जब कांग्रेस को आपने ही लोगों को बलि का बकरा बनाने की सोंच लोक तंत्र को महंगी नहीं दिखाई पड़ी......... और उसे भी बड़ी चीज जब भारत को २/३ टुकड़ों में बाँटना भारत के लोक तांत्रिक लोगों को महंगा नहीं लगा........ ये तो बहुत छोटी बात है...... और उसके बाद भी हम कांग्रेसी सरकार के गुणगान करते नहीं थकते, आखिर क्यूँ? ये जो कांग्रेस है न! सब जानती है...... भारतीय भेड़ों को कैसे लाइन पर लाना है........ गलती उसकी नहीं है..... हम ही अंधे बन चुके हैं गाँधी और जवाहर के नाम के आगे....... और अगर कोई पहल करने वाला आते भी है तो उसे आर० एस० एस० या बी० जे० पी० का बता दिया जाता है...... दलाली करने वाला दिग्विजय सिंह दूसरों को ठग कहता है.... उसे आपनी और अपनी पार्टी के कारनामे उसके बाप का नाम रोशन करने वाले लगते है........ चारा घोटाला करने वाला लालू जो अब मिट्टी के दाम भी महंगा है वह भी बरसाती मेंढक की तरह टर्र-टर्र करता नजर आ रहा है..... मत सोंचो इन सब कमीनो के बारे में साहब जी..... इन सब नेताओं के लिए बस एक ही चीज मेरी समझ में आती है की....
    लात घूसम फटा-फत्तं, चप्प्लम मुख भंजनं.....

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  3. jab police ne giraftari mangi to sadhu ki tarah giraftar ho jate aur janta ka aur bhi jyada samarthan pa sakthe the. agar aap santi purwak aandolan kar rahe the to santi porwak giraftari kyun nahi di ? giraftari kavirod kyun kiya? aap to mahatma sadhu aadmi the aap ko to santi porwak giraftari dekar aandolan ko aur majboot banana tha aur waise bhi aapka aandolan me koi dum nahi rah gaya tha.balkrishna ke letter ka publicly open hone se aandolan ki dhar kund ho gyai thi.

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  4. @ apoor shukla, aap ho sakta hai sahi kah rahe hon sir... par jo kam sarkar ne kiya kya vah sahi tha....? kya aadhi raat ko hi karyavahi karna sahi tha...? kya bhrastachar ke khilaf aawaz uthana hi galat hai....ham baba ke sath nahi hai par jo bhi sarkar ne kiya main uske ekdam khilaf hun...

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  5. @suryansh sri ji, maine ye nhi kah ki ramdev ke sath ye log hain maine to kewal sambhavna hi jatayi yhi...
    हमेशा फगुआ पहनने वाला आर० एस० एस०/ बी० जे० पी० नहीं हो सकता. ठीक वैसे ही जैसे आप लोग ये कहते हैं की हर मुसलमान आतंकवादी नहीं है........
    i am tottaly agree wid u...

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  6. vaise aap sab ko apne-apne vichar rakhne ke liye dhanyavad.....
    main aasha karta hu ki bhavishya me bhi aap apne bahumulya vicharon se mera margdarshan karte rahenge...

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  7. Digvijay sporter @poorva ji ko mera naskaar. Kis aandolan ko majbooti mili hai uske pathpradrshak ki giraftaari ke baad? Swechchha se giraftaari ki neeti aapne nahi dekhi hai congresiyon ke pita Gandi woh sorry Mahatma Gandi ki...... Kis tarah se swechchha se giraftaari dene ke baad Bhagat Singh, Raj Guru aur Sukhdev ke liye Fannsi ke halafnaame par hastakshar kiye the Congres ke pitamah ne...... Aapko kya lagta hai ki Balkrishn ke chitti ke baad Aandolan kamjor ho gya? Agar aise pramani karan se kuch hota na to ab tak saare ke saare neta 56 karor ki haweli ki hwa kha rahe hote..... Agar ek Chitthi se kuch hota to..... Aur waise bhi Nyay ke liye jab Nyay apni antim sanse gin rha ho to, Aatm raksha ke liye Saam, Daam, Dand aur bhed ko apnana galat nahi hota hai. Hamesha bola jata hai ki shathe shathaym smaachret.... Shayad aap kuch samajhne ki koshish karen.....
    Dear Mera Pata, Kisi bhi baat ko pramanit karne ke liye aur kisi chupe tathy ko bahar laane ke liye hamesha sambhawnaayen hi jatayi jaati hain.... Vaise vichar aapne-apne hain kaun kis tarah sochna chahta hai uski marzi...... Lekin sach, sach hota hai.....

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