गुरुवार, 23 जून 2011

गुफ़ाएँ




















































































भारतेंदु नाट्य कला एकेडमी में २२ जून २०११ को मुद्रा राक्षस द्वारा रचित नाटक "गुफाएं " का मंचन किया गया |
 जिसमे कलाकारों ने शानदार अभिनय किया , दर्शक भी खूब आये थे |इसके प्रबंधक मस्तो जी थे जिन्होंने बहुत मेहनत  की थी | जिसे देख कर लग रहा था कि फिर से लोक रंगमंच कि तरफ लौट रहे हैं |
 शो देखने का टिकट ३० रूपये था | हम सब लोग बीजू सर के साथ देखने गये थे 
लेकिन कथानक में कोई दम नही था लोग देखते-देखते थक सा गये थे ,शायद जिसका सबसे बड़ा कारण था 
केवल मंच पर दो कलाकारों द्वारा ही अभिनय करना | उन दोनों ने अभिनय बहुत ही शानदार किया 
पर एक कलाकार द्वारा बदल-बदल कर ४ रोल करना हजम नहीं हो रहा था |
 अंत में निष्कर्ष भी समझ में नही आया क्या सन्देश देना चाहते थे और कभी-कभी तो कन्फ्यूजन  इतना हो जाता था 
कि समझ में ही नहीं आता क्या चल रहा है स्टोरी में ?
 फ़िलहाल शानदार अभिनय किया कलाकारों ने जिसके लिए वो बधाई के पात्र हैं |
 लेकिन आयोजकों को यह सोचना होगा कि रंगमंच से विमुख होते  दर्शकों को हम कुछ ऐसा दिखाएँ जिससे वो रंगमंच से जुड़े रहें ,|



नोट  
         मेरे पास मेरा कैमरा था जिससे मैंने कुछ तस्वीरें लीं थी | पर मुझसे एक गलती हो गयी थी जिसके लिए मैं आप सबसे माफ़ी मांगता हूँ  |
         मैंने अपने कैमरे में गेन चेक नही किया था वापस आकर देखा तो पता चला गेन १६०० था | जैसी भी तस्वीरें हैं मैं इन्हे ब्लॉग पर डाल रहा हूँ |